लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है, जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है। मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में, बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में। मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

कहानी सच्ची है

प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के कृषि की लागत घटाकर

 

आय दुगने करने के सपने को साकार कर रहे बहादुर सिंह

 

शासन से मिली सहायता और जैविक विधि से हो रही है अच्छी आय

 

दमोह : 11 फरवरी 2022

 

जिले के ग्राम टिकरिया अमखिरिया के निवासी बहादुर सिंह लोधी मेहनती और लगनशील किसान है, जैविक खेती को शून्य लागत की खेती मानते है, देशी पद्धति से तैयार कीटनाशक दवा एवं खाद से लगभग 4 एकड़ में लगी फसलों को जैविक रूप तैयार कर उपयोग कर रहे। बहादुर सिंह लोधी मानते हैं जैविक खेती से उत्पन्न फसलों को उपयोग करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। वे कहते हैं शासन की योजनाओं का लाभ किसान को मिल रहा है तो किसान खुशहाल हो जायेगा और जीवन मे कोई परेशानी नहीं होगी।

 

बहादुर सिंह कहते हैं 04 साल पहले 05 बोरी डीएपी एवं 03 बोरी यूरिया का उपयोग करते थे, अब जैविक खेती कर रहे हैं, गोबर की खाद में बरसात के दिनों में केचुए छोड़े थे, जिनसे अब खाद बन चुकी हैं। जिसका उपयोग कर सबसे ज्यादा मुनाफा कमा रहा हूँ, यह जीरो बजट का खाद हैं, इसमें कोई लागत नहीं हैं, इस खाद से 03 वर्ष तक उत्पादन मिलता रहता हैं, लगभग 02 माह में केचुए खाद तैयार कर लेते हैं। खेती का काम बैलों कि मदद से करते है। वह दो भैस और दो गाय रखे हुये है जिनसे गोबर और गौमूत्र मिलता है जिनका उपयोग वह खेती मे करते है।

 

वे कीटनाशक दवा भी घर पर ही तैयार करते हैं, इस दवा को घरेलू सामग्री से तैयार की कर रहे हैं, इस कीटनाशक दवा को फसलों में छिड़काव किया जाता हैं, कीटनाशक दवा इल्ली फंगीसाईट माहू के लिए कारगर दवा हैं।

 

बहादुर कहते है शासन की रोजगार गांरटी योजना के तहत उनके खेत में फलों का बगीचा लगवाया था जिसमें सरकार का पूर्ण रूप से सहयोग रहा, शासन का पूरा अनुदान भी मिला, 02 लाख का केस बना था जिसमें सरकार ने पूरी मदद की हैं। 03 साल तक उन्हें पैसा मिला, इस बगीचे को 2017 में लगाया था, पिछले साल से इसमें मुनाफा भी मिल रहा हैं। इस एक एकड़ के बगीचे में लगभग 100 पौधे नीबू, 50 आनार, 25 पौधे आम, 5-5 पौधे एपल बेर, इलाहाबादी अमरूद, चीकू, संतरा, मूसबी आदि के भी लगे हुए हैं।

 

किसान बहादुर सिंह बताते हैं लगभग 30-35 हजार रूपये का आनार, 40 हजार का नीबू इस वर्ष भी बेच चुके हैं। इन नीबूओं का रस निकाल कर कृषि विज्ञान केंन्द्र में बेचा हैं, 1.25 के मान से रस एवं 20 रूपये पर किलो के हिसाब से छिलका बिका था, इसके बाद खुद ही आचार तैयार करके 200 रूपये किलो के हिसाब से कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से आर्डर पर नीबू का आचार बिक रहा हैं, इस बगीचे में भी जो खाली जगह नीचे रहती हैं उसमें भी अदरक, हल्दी, गर्मी में धनिया आदि भी लगाते हैं जिससे उन्हें उद्यानिकी की फसल के साथ-साथ अन्य फसलें भी मिल जाती हैं और जमीन खाली नहीं जाती हैं।

 

वे कहते हैं जबसे उन्होंने कृषि विभाग तथा कृषि विज्ञान केन्द्र से सपंर्क किया तबसे मेरी आय दुगनी हो गई हैं, इस बगीचे के मुनाफे से मैने आने-जाने के लिए स्कूटर लिया, पत्नि के लिए कुछ जेवरात खरीदे, एलसीडी खरीदी, बिटिया की शादी में भी पैसा लगाया हैं। उन्होंने किसी से कर्जा नही लिया सब कुछ खेती से ही खरीदा हैं। प्रधानमंत्री जी का सपना था कि किसानों की आय दुगनी हो जिसका परिपालन करके मैंने तो अपनी आय दुगनी कर ली हैं, बाकी के किसान भी अपनी आय दुगनी करने का प्रयास करें। सरकार की योजनाओं का यदि किसान सही उपयोग करें तो वह अपनी आय को दुगना अवश्य कर सकता हैं। किसान ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए कहा ऐसी ही अनेकों योजनाए हम किसानों के लिए लाई जाये।

 

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एन एल अहिरवार ने बताया प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी का सकंल्प था कि 2022 में जीरो बजट खेती करेंगे, इसी के तारतम्य में किसान भाईयों ने बहुत अच्छा काम किया हैं। किसान के यहां एक तरफ फसल उद्यान तो दूसरी तरफ चना, गेहूँ लगा हुआ हैं, जहाँ किसान 8-10 हजार रूपये प्रति एकड़ में दवाईयों एवं खाद का उपयोग करता था अब वह शून्य हो गया हैं, इन फसलों में केवल किसान की मेहनत लगी हुई हैं, इन फसलों में किसी भी प्रकार के कीड़े या रोग आदि कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा हैं, ना ही कोई बीमारी दिखाई दे रही हैं, एकदम बढ़िया फसल लगी हुई हैं।

 

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद, हमें जो रास्ता दिखाया जिसका किसान भाईयों ने परिपालन किया, किसान भाईयों को केवल सहयोग रहा, किसानों को मार्गदर्शन दिया जिसे किसानों ने अपनाया जिससे किसानों को बहुत अच्छा उत्पादन मिल रहा हैं।

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