बावन कुआँ चौरासी ताल।  तऊ पै सनेह में पानी कौ अकाल।।

 

बावन कुआँ चौरासी ताल।
तऊ पै सनेह में पानी कौ अकाल।।

तात्पर्य है कि यहाँ व्यक्तिगत कुएँ हैं, बन्धियां हैं। गौंडयुग के तालाब, बैरे और बावड़ियाँ हैं। फिर भी यहाँ पानी का अभाव हो जाता है।यह कहावत दमोह मे चरितार्थ होती है दमोह मे पुराने समय के तालाब  है,जो अपनी कहानी खुद बता रहे है.लाखो रूपये नगरपालिका द्वारा खर्च करने के वावजूद भी नही सुधरी स्थिति यह हम बात कर रहे है दमोह के पुरैना तालाब की जहा का पानी लोगों के इस्तेमाल लायक नही बचा है ,यहा के घाटों की स्थिति बड़ी दयनीय है ,इसके बाबजूद भी दमोह प्रशासन और नगरपालिका के अधिकारियों का इस ओर नही है ,ध्यान अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नही है कि जब दमोह की धरोहर इन तालाबों का वजूद ही खतरे मे है.प्रशासन को चाहिए की इन तालाबों की सफाई और ज़ो लोग इनको गदा करतें है उनपे कडी कार्रवाई हो.

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