
दमोह, मध्यप्रदेश में संजीवनी किलिनिक की शुरुआत हुए सालों हो गये है,मगर दमोह में संजीवनी किलिनिक का संचालन आज भी नहीं हो रहा है,दमोह में लाखों रुपए खर्च करके संजीवनी किलिनिक बनाई गई है,इनका उद्देश्य है लोगों बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना मगर दमोह में कुछ और देखने को मिल रहा है,जब हमारी समाचार सेवा ने दमोह के दमयंती पुरम कालोनी स्थित संजीवनी किलिनिक का मुआयना किया तो यह बंद मिली न तो यहां कोई डाक्टर उपलब्ध मिला न कोई स्टाप यह संजीवनी किलिनिक बंद मिली ,जब हमने यहां के रहवासियों से बात की तो उनका कहना कि संजीवनी किलिनिक कभी कभार खुलती हैं, यहां के लोगों का यह भी कहना है कि सर्दी जुखाम के इलाज़ के लिए हमें तीन किलोमीटर चलकर जिला अस्पताल जाना पड़ता है,जब हम ने जिला अस्पताल के CMHO से जानकारी चाहीं तो उनके द्वारा स्टाफ की कमी बताई गई,कुल मिलाकर संजीवनी क्लीनिक के ताले सपोर्ट स्टाफ के बलबूते खुलते हैं और बंद हो जाते हैं. यहां मरीजों की नब्ज देखने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है. एकाध जगह पैरामेडिकल स्टाफ कुछ दवाई देकर ओपीडी की औपचारिकता पूरी कर लेते हैं.अब देखना होगा कि दमोह प्रशासन इस ओर कब तक ध्यान देते हैं ,