कोरोना काल में मरीजों के परिजनों से एंबुलेंस माफियाओं द्वारा वसूले जा रहे मनमाने दामों के विरोध में आज मध्य प्रदेश लघु व्यापारी संघ ने कलेक्टर एवं एसपी महोदय को सौंपा ज्ञापन

कोरोना काल में मरीजों के परिजनों से एंबुलेंस माफियाओं द्वारा वसूले जा रहे मनमाने दामों के विरोध में आज मध्य प्रदेश लघु व्यापारी संघ ने कलेक्टर एवं एसपी महोदय को सौंपा ज्ञापन

कोरोना काल में मरीजों से मनमाने पैसे बसूले जाने के विरोध में आज मध्य प्रदेश लघु व्यापारी संघ ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए जिला अध्यक्ष तनुज पाराशर ने बताया कि आज दमोह में कोरोना महामारी में आपदा के समय कुछ लोग अवसर तलाश रहे हैं। आपके द्वारा मुनाफाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए आदेश जारी किया है, जिसका पालन होते दिखाई नहीं दे रहा है। दमोह जिला अस्पताल के सामने एंबुलेंस संचालक बिट्टू दुबे द्वारा जबलपुर का 19 हजार रुपए किराया वसूला जा रहा है। इससे संदर्भित विडियो भी सामने आए हैं, दो विडियो में ग्राहक और संचालक की मोबाइल की बातचीत से 19 हजार रुपए किराया लेने की बात हो रही है। तीसरे विडियो में बिट्टू दुबे कह रहा है कि अब वह 20 हजार रुपए से कम में एंबुलेंस नहीं ले जाएगा। उसका कहना है कि उसे ऑक्सीजन सिलेंडर 7 हजार रुपए में उपलब्ध हो रहा है। सैनेटाइजर ड्राइवर खर्च और उसका बीमा न होने के कारण वह 20 हजार रुपए किराया ही लेगा।

 

जिस तरह चुनावों में वाहनों का अधिग्रहण किया जाता है उसी तरह कोरोना महामारी के दौरान निजी एंबुलेंस का अधिग्रहण शासन करे। परिवहन विभाग द्वारा किराया तय किया जाए। ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी करने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। आपदा में अवसर तलाश रहे इन मुनाफाखोरों पर कार्रवाई की जाए।
निजी एंबुलेंस संचालक बिट्टू दुबे मरीजों को एंबुलेंस इसलिए उपलब्ध नहीं करा रहा है, क्योंकि वह कह रहा है कि अब भलाई का काम नहीं है। यानि 19 हजार रुपए किराया उसे वसूलने की छूट दी जाए तो वह भलाई करेगा।
कोविड महामारी के दौर में सभी निजी एंबुलेंस जब्त कर रेडक्रास समिति या शहर की कोई समाजसेवी संस्था के जिम्मे काम सौंपा जाए ताकि दमोह जिले में बगैर एंबुलेंस के किसी की मौत न हो। इस कार्य में लघु व्यापारी संघ भी सहयोग करने तैयार है।

जिला अस्पताल के बाहर 24 घंटे सड़क पर खड़ी रहने वाली एंबुलेंस जबलपुर आदि रेफर किए जाने वाले मरीजों के अलावा सीटी स्कैन जांच के लिए जाने वाले मरीजों पर अपनी गिद्ध दृष्टि जमाए रहते है। जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों से सीटी स्कैन सेंटर तक मरीज को ले जाने के बदले में आधे किलोमीटर के 1500 से दो हजार रुपए ले रहे है। वही जबलपुर जाने का किराया 15000 से शुरू होता है। जबलपुर में एक अस्पताल मैं जगह नहीं मिलने पर दूसरी अस्पताल जाने में दो से चार हजार रुपए शुल्क और बढ़ जाता है। ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा के नाम पर एंबुलेंस वालों के द्वारा वसूली जाने वाली अतिरिक्त राशि के बावजूद इस बात की कोई गारंटी नहीं रहती कि उनका सिलेंडर भरा ही होगा। इस तरह की लूट खसोट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ प्रमुख अखबार द्वारा यह खबर प्रकाशित की गई है इसके बावजूद प्रशासन एंबुलेंस वालों पर क्यों मेहरबान है यह बात आश्चर्य का विषय बना हुआ है।

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