प्रदेश के दमोह सहित 37 जिलों में पीएसए आधारित ऑक्सीजन उत्पादन संयत्र की स्थापना होगी

 

प्रदेश के दमोह सहित 37 जिलों में पीएसए आधारित

 

ऑक्सीजन उत्पादन संयत्र की स्थापना होगी

दमोह : 25 अप्रैल 2021

 

म.प्र. के 37 जिलों में वर्तमान में कोविड संक्रमण की बढ़ती दर को दृष्टिगत संक्रमण के इलाज हेतु मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु निगम के द्वारा पी.एस. ए. आधारित विभिन्न क्षमता के आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना हेतु संदर्भित क्रय आदेश जारी किये गए है। संयंत्र की स्थापना हेतु आवश्यक सिविल एवं इलेक्ट्रीकल कार्य के सम्पादन का दायित्व संबंधित जिला चिकित्सालयों का है। इसमें दमोह जिला शामिल हैं। आर्डर 18 अप्रैल को जारी हो गया हैं।

 

सभी 37 जिलों में सिविल कार्य प्रारंभ किया जा चुका है एवं प्रगति भी वर्तमान में संतोषजनक है। इलेक्ट्रीकल कार्यों का जो आदर्श प्राक्कलन स्वीकृत किया गया है, उसमें स्थल अनुकूल किसी प्रकार का परिवर्तन/संशोधन आवश्यक प्रतीत होने की दशा में जिले में पदस्य पी. आई.यू. लोक निर्माण विभाग विद्युत/यांत्रिकी के माध्यम से शेष अतिरिक्त कार्य के वास्तविक लागत की गणना कर तत्काल कार्य कराना सुनिश्चित करते हुए पुनरीक्षित लागत से अवगत कराये ताकि तत्काल आवश्यक स्वीकृति सक्षम स्तर से प्रदान की जा सके।

 

सेन्ट्रल मेडिकल सर्विसेस सोसायटी, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत निविदा दरों के आधार पर निगम द्वारा संदर्भित जारी क्रय आदेश की शर्तों अनुसार आपूर्तिकर्तां को विभिन्न स्थानों पर स्थापित किये जाने वाले संयन्त्रों में स्थल से 15 मीटर की दूरी तक ऑक्सीजन पाईपलाईन का कार्य शामिल है। उक्त गैस पाईपलाईन को चिकित्सालयों की विद्यमान गैस पाईपलाईन से जोड़ना आवश्यक है। यदि स्थल पर विद्यमान पाईपलाईन की दूरी 15 मीटर से अधिक है, उक्त दशा में अतिरिक्त लाईन को बिछाने का उत्तरदायित्व संबंधित जिला चिकित्सालयों का है। स्थल अनुकूल किसी प्रकार का परिवर्तन/संशोधन आवश्यक प्रतीत होने की दशा में जिले में पदस्थ पी.आई.यू., लोक निर्माण विभाग के माध्यम से शेष अतिरिक्त कार्य के वास्तविक लागत की गणना कर तत्काल कार्य कराना सुनिश्चित करते हुए पुनरीक्षित लागत से अवगत कराये ताकि तत्काल आवश्यक स्वीकृति सक्षम स्तर से प्रदान की जा सके।

 

जिला स्तर पर सिविल कार्य पूर्ण होने के उपरान्त उक्त कार्यवाही सुनिश्चित की जानी है। इनमें कांक्रीट धरातल पूर्ण होने तथा पावर उपलब्धता सुनिश्चित होने पर सिविल सर्जन एवं पी.आई.यू. अधिकारी द्वारा साईट रेडॉनेस सर्टिफिकेट जारी करना। क्रय आदेश तथा साईट रेडीनेस सर्टिफिकेट (जो भी बाद में हो) जारी होने के उपरांत संयत्र प्रदायकर्ता द्वारा अनुबंधानुसार 45 दिवस में संयत्र कार्यस्थल पर पहुंचाया जाकर स्थापित करेगा तत्पश्चात् संयंत्र की कमिशनिंग एवं ट्रेनिंग 3 सप्ताह में पूर्ण करेगा। परिवहन हेतु 1 से 12 दिवस अनुमानित है। संयन्त्र परिवहन में किसी प्रकार का अवरोध न हो इस हेतु संबंधित कलेक्टर एक पायलेट वाहन सक्षम अधिकारी के फैक्ट्री (औरंगाबाद, महाराष्ट्र भवाना, दिल्ली) तक भेजना सुनिश्चित करेंगे। साईट रेडीनेस सर्टिफिकेट जारी होने के उपरांत एवं परिवहन अवधि स्थल पर कांक्रीट धरातल की क्योरिंग, विद्युत आपूर्ति कनेक्शन एवं आवश्यक अतिरिक्त गैस पाईपलाईन के साथ-साथ शेष सिविल कार्य पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करना होगा ताकि स्थल पर पहुंचने पर स्थापना एवं का कार्य शीघ्र पूर्ण हो सके।

 

इसी प्रकार अनुबंधानुसार आगामी 10 वर्ष तक संयंत्र के रख रखाव की जिम्मेदारी प्रदायकर्ता की है, किन्तु संयंत्र के ऑपरेशन की जिम्मेदारी जिला चिकित्सालय की होगी। इस हेतु जिला चिकित्सालय को संयंत्र के ऑपरेशन हेतु व्यक्ति नियत करना होगा जिसको प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी संयन्त्र प्रदायकर्ता की होगी।

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