कुण्डलपुर में पंचकल्याणक 16 से*  कुण्डलपुर महामहोत्सव आज जाप से आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की दिव्य देशना से प्रारंभ होगा 

कुण्डलपुर में पंचकल्याणक 16 से*

 कुण्डलपुर महामहोत्सव आज जाप से आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की दिव्य देशना से प्रारंभ होगा                                सिद्ध क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष संतोष सिंघई का कहना है कि मंत्रों में सबसे बड़ा महामंत्र है नवकार महामंत्र। नवकार महामंत्र का जाप करने से मन स्थित होता है। बुद्धि बढ़ती है और आत्मा पवित्र होती है, हमारे विचारों में शुद्धता आती है। परमात्मा से मिलने की इच्छा जागृत होती है। महामंत्र में सभी अरिहंतों, गुरुदेवों, सिद्ध देवों को प्रणाम करते हुए आराधना की जाती है। जो कोई नवकार महामंत्र का जाप करता है उसे कोई और मंत्र जप करने की जरूरत नहीं है।

   दमोह। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद और उनके विशाल समोशरण के सान्निध्य में यह पंचकल्याणक होने जा रहा है।जिसके लिए 6 महीनों से तैयारियां चल रही है।

लगभग 400 एकड़ में होगा पंचकल्याणक कुंडलपुर महामहोत्सव लगभग 400 एकड़ में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए जैन धर्म के इस महामहोत्सव के लिए किसानों ने कृषि कार्य की जमीन समर्पित करने का पुण्य कार्य किया है,जहां श्रद्धालुओं को आवास, भोजन, आवागमन, शुद्ध पेयजल, आवागमन, चिकित्सा संबंधी व्यवस्थाएं प्रदान की जायेगी।जिसकी तैयारी कमेटी द्वारा विगत कई महीनों से युध्द स्तर पर चल रही है।

* संत शिरोमणि आचार्य श्री के 250 से अधिक मुनि महराज और आर्यिका माताजी के सान्निध्य में आयोजित किया जाएगा *

कुंडलपुर में महोत्सव में इस युग के सर्वश्रेष्ठ संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज एवं लगभग उनके 250 से शिष्यों के सान्निध्य में पंचकल्याण्क प्रतिष्ठा महोत्सव के साक्षी बनेंगे , जिसमें निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर जी , निर्यापक मुनि श्री योगसागर जी , निर्यापक मुनि श्री पुंगव सुधासागर जी महाराज के आशीर्वाद से और ब्रा विनय भैया के निर्देशन में किया जा रहा हैं।

त्रिकाल चौबीसी एवं 1008 प्रतिमाओं की होगी प्राण प्रतिष्ठा

कुण्डलपुर में निर्माणाधीन सहस्त्र कूट जिनालय में विराजमान होनी वाली 1008 प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। यह प्रतिमाएं विभिन्न धातु से निर्मित है एवं विदेशों से निर्माण होकर आई है।

सिद्ध क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष संतोष सिंघई का कहना है कि मंत्रों में सबसे बड़ा महामंत्र है नवकार महामंत्र। नवकार महामंत्र का जाप करने से मन स्थित होता है। बुद्धि बढ़ती है और आत्मा पवित्र होती है, हमारे विचारों में शुद्धता आती है। परमात्मा से मिलने की इच्छा जागृत होती है। महामंत्र में सभी अरिहंतों, गुरुदेवों, सिद्ध देवों को प्रणाम करते हुए आराधना की जाती है। जो कोई नवकार महामंत्र का जाप करता है उसे कोई और मंत्र जप करने की जरूरत नहीं है।

16 फरवरी से 23 फरवरी तक मुख्य कार्यक्रम

वैसे कुण्डलपुर महोत्सव 12 फरवरी से ही प्रारम्भ हो रहा है जिसमें 12 को जाप अनुष्ठान से विश्वशांत्रि और कोरोना से मुक्ति हेतु समस्त भक्त जन नमोकार मंत्र का जाप करेगे और बड़े बाबा की स्तुति करके वातावरण को अनुकूल बनायेगे।

वैसे कुण्डलपुर महोत्सव 12 फरवरी से ही प्रारम्भ हो रहा है जिसमें 12 को जाप अनुष्ठान से विश्वशांत्रि और कोरोना से मुक्ति हेतु समस्त भक्त जन नमोकार मंत्र का जाप करेगे और बड़े बाबा की स्तुति करके वातावरण को अनुकूल बनायेगे। कुण्डलपुर महामहोत्सव के प्रिन्ट मीडिया प्रभारी महेन्द्र जैन सोमखेड़ा का कहना है कि णमोकार मंत्र एक विलक्षण मंत्र है जिसमें तंत्र-मंत्र, अध्यात्म, चिकित्सा, मनोविज्ञान, दर्शन, तर्क, ध्वनि विज्ञान, भाषा शास्त्र, लिपि विज्ञान, ज्योतिष इत्यादि गर्भित हैं। यह श्रुत ज्ञान का सार है,णमोकार शक्ति जाग्रति का महामंत्र है। णमोकार मंत्र हमें पारदृष्टि प्रदान करता है। यह अंतर्मुख होने की सूक्ष्म प्रक्रिया है। णमोकार मंत्र के जाप से हम प्रकृति से जुड़ेंगे, उन कोटि-कोटि आत्माओं से जुड़ेंगे जिन्होंने शताब्दी पूर्व इसका जाप किया।

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