आज केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जिले के बटियागढ़ में आयोजित विद्या भारती सरस्वती शिशुमंदिर हाईस्कूल परिसर में सांसद निधि से 7 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित अतिरिक्त कक्ष के लोकापर्ण किया

सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चे अव्वल नंबर पर रहे, यह सभी के लिए गर्व की बात है

हम अपने दलीय एवं जातीय मतभेदों को

 त्याग कर अपना काम करें-केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटैल

7 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित अतिरिक्त कक्ष हुआ लोकार्पित

छात्राओं ने किया  रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत

दमोह : 15 अप्रैल 2022

            अवसर महत्वपूर्ण होता है और यही अवसर पाने का स्थान यह है। इसलिए यहां पर जो अभाव है उन आभावों के लिए हम अपने दलीय एवं जातीय मतभेदों को त्याग कर अपना काम करें। चार कदम चलकर चार परिवारों में जाने के बारे में सोचें, उनके जाने से कुछ और धन राशि बढ़कर मिलती है, तो वे इस विद्यालय के लिए काम नहीं करेंगे बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा काम करेंगे। सभी लोग दूसरे जन-प्रतिनिधियों से कहें कि वे इसमें सहयोग करें। इस सहयोग के लिए उन्होंने सभी का धन्यवाद किया। दुनिया के और भी सर्वांगीण अवसर है जिनकी प्रतिभा बच्चों में आए उसका यह केंद्र बिंदु है। मध्यप्रदेश में हाई सेकेंडरी या हाई स्कूल के बच्चें हो, पर सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चे अव्वल नंबर पर रहे, यह सभी के लिए गर्व की बात है। इस आशय के विचार आज केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जिले के बटियागढ़ में आयोजित विद्या भारती सरस्वती शिशुमंदिर हाईस्कूल परिसर में सांसद निधि से 7 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित अतिरिक्त कक्ष के लोकापर्ण अवसर पर व्यक्त किये। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण् पटैल, विधायक पीएल तंतुवाय, पूर्व भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र व्यास एवं जिला सचिव सुरेन्द्र चौरसिया मंचासीन थे।

            केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटैल ने कहा आजादी के 75 वर्ष में उन्होंने सांसद होने के नाते सभी से आग्रह किया कि अपने-अपने सामर्थ्य अनुसार सहयोग जरूर करें। जब कोरोना का समय आया था उस समय सरस्वती शिशु मंदिर परिवार के आचार्यों ने जिस अभाव में तपस्यारत रहकर इस पुण्य कार्य को आगे बढ़ाया है, जो लोग सरस्वती शिशु मंदिर की इस व्यवस्था को सहयोग करते हैं उनसे प्रार्थना है कि पिछले ढाई साल कैसे निकले उन परिवारों से कभी जानने की कोशिश कीजिए, बड़े-बड़े स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासों के बावजूद भी लोगों से पैसे वसूले हैं, फीस ली लेकिन यहां की परिस्थिति कैसी है, उस परिस्थिति की जानकारी जनसामान्य को भी होनी चाहिए। भगवान ने यह बड़ी परीक्षा ली है पर इस परीक्षा में आंदोलन के दो पुरोधा जिनको पहले से ही कोई बड़ा मानदेय नहीं दे पाते हैं, अभावों के बावजूद भी व्यवस्था के संचालन में लगातार उसी तेजस्विता के साथ और समर्पण के साथ इन कार्यों में लगे हैं।

            केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटैल ने कहा हम सबको मन से कुछ अलग करने की जरूरत है, समिति जो करती है समिति में जो संख्या होती है वह सीमित क्यों होती है, लेकिन समिति जिन के दरवाजों पर सहयोग लेने के लिए जाती है वह भी उतने ही मूल्यवान है, जितने समिति के सदस्य हैं। यहां के बच्चों में संस्कार दिए जाते हैं, जो भारत के लिए बड़ी चुनौती है। हम सबके सामने यह संकट है कि आने वाली पीढ़ी को हम वैष्णव से या बुराइयों से कैसे बचा पाएंगे। जो काम कई बार माता-पिता नहीं कर पाते वह आचार्य परिवार करके देते है।

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